गिरिडीह : भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल यह सावन के अंतिम सोमवार 3 अगस्त को पड़ रहा है। गावां के आचार्य पं सत्यम पांडेजी (चंकी बाबा) ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थसिद्ध और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। ऐसा शुभ संयोग 29 साल बाद आया है। ऐसे में इस बार रक्षाबंधन का दिन भाई बहनों के लिए बेहद खास होगा। साथ ही इस साल भद्रा और ग्रहण का साया भी रक्षाबंधन पर नहीं पड़ रहा है। ऐसे मे सुबह से लेकर शाम तक भाइयों की कलाई राखियों से सजती रहेगी। आचार्य पं सत्यम पांडेजी (चंकी बाबा) बताते हैं कि इस साल रक्षाबंधन पर सर्वार्थसिद्धि और आयुष्मान योग के साथ ही सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा श्रवणा उत्तराषाढ और श्रवणा नक्षत्र के साथ प्रीति तथा आयुष्मान योग बन रहा है। इसके पहले यह संयोग साल 1991 में बना था। इस संयोग को कृषि क्षेत्र के लिए विशेष फलदाई माना जा रहा है। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 8:29 से रात 8:20 रात्रि तक है। राखी की थाली में रेशमी वस्त्र ,केसर, चावल, चंदन और कलावा रखकर भगवान की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को अर्पित धागा या राखी भाइयों की कलाई में बांधे।